सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि महोत्सव का भव्य आयोजन श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्षता व सानिध्य में श्रीमहन्त गौरी गिरि दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मन्दिर समिति, दूधेश्वर मन्दिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग, उपाध्यक्ष अनुज गर्ग, दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल एवं समस्त दूधेश्वर स्वयंसेवको द्वारा मन्दिर परिसर में देश के विभिन्न राज्यो से दिल्ली, कलकत्ता, बैंगलोर, जयपुर, हरियाणा, वृन्दावन, मथुरा के विभिन्न प्रकार के पुष्पो से मन्दिर परिसर भगवान दूधेश्वर का फूल बंगला बनाया जायेगा एवं रंग बिरंगी लाइटो से मन्दिर बहुत ही भव्य रूप से सजाया जायेगा। 25 की रात्रि 9 बजे भगवान देवादिदेव महादेव बाबा की शिव बारात दूधेश्वर चौक (जस्सी पुरा) से ढोल नांगड़ो के साथ नाचते गाते निकाली जायेगी जो कि दूधेश्वर मन्दिर में रात्रि 11:30 बजे पहुचेंगी तदोपरान्त भगवान शिव माता पार्वती का वरमाला होगी। 25/26 की रात्री 12 बजे श्रीमहन्त नारायण गिरि जी महाराज भगवान दूधेश्वर का प्रथम अभिषेक करेंगे तत्पश्चात भक्तो का जलाभिषेक प्रारंभ होगा, साथ ही मन्दिर के मुख्य द्वार पर भगवान शिव का जागरण पूज्य गुरुदेव के करकमलो द्वारा ज्योति प्रचंड करके होगा। प्रातःकाल श्रृंगार आरती 3:30 से 4:30 तक चलेगा भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार मोहित जी एवं उनके कार्यकर्ताओं द्वारा होगा। सायंकाल भगवान दूधेश्वर का श्रृंगार 5:45 से 7 बजे तक श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल जी एवं समस्त समिति के सदस्यों द्वारा होगा। प्रथम भोग प्रसाद 108 प्रकार के व्यंजनों का धर्मपाल गर्ग के द्वारा भगवान दूधेश्वर को अर्पित किया जायेगा। भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक 25/26 की मध्य रात्री 12 बजे से लेकर 26 की रात्रि 12 बजे तक  भक्तो का जलाभिषेक निरन्तर चलेगा। साथ ही भगवान दूधेश्वर का अष्टप्रहर रूद्राभिषेक पूजन होगा।
प्रथम प्रहर प्रातःकाल 6 बजे से 7:30 बजे तक
द्वितीय प्रहर 8 बजे से 9:30 बजे तक
तृतीय प्रहर 10 बजे से 11:30 बजे तक
चतुर्थ प्रहर 12 बजे से 1:30 बजे तक
पंचम प्रहर 2 बजे से 3:30 बजे तक
षष्ठ प्रहर 4 बजे से 5:30 बजे तक
सप्तम प्रहर 8 बजे.से 10 बजे तक
अष्टम प्रहर 10 बजे से 12 बजे तक होगा जोकि श्री दूधेश्वर वेद विद्यालय के आचार्य एवं विद्यार्थियों द्वारा होगा।